कल मालवीय स्कूल परिसर से निकलेगी गोंदिया की “काली-पीली बडग्या मारबत..

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गोंदिया।प्रतिनिधि

हर साल की तरह इस साल भी पारम्परिक रूप से बडग्या ,काली-पीली मारबत उत्सव जुलूस का आयोजन कल 24 अगस्त को मालवीय स्कूल के समीप सुबह 6 बजे किया गया है।

ये मारबत उत्सव गोंदिया की संस्कृति का अभिन्न अंग है. कई वर्षों से इसे मनाया जा रहा है। इस उत्सव का ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व है. इस उत्सव को देखने माहौल बना हुआ है।

मारबत उत्सव न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि समाज में व्याप्त कुरीतियों की निंदा करने और एक सामाजिक संदेश देने का एक प्रभावी माध्यम भी है. इसीलिए यह उत्सव हर साल नए जोश के साथ मनाया जाता है.

शहर में पिली और काली मारबत की स्थापना मालवीय स्कूल परिसर में की जाती है. इन दोनों मारबतों की पूजा करने के लिए बड़ी संख्या में नागरिक उमड़ पड़ते हैं. काली मारबत को बुराई का प्रतीक माना जाता है. जबकि, पिली मारबत को देवी का एक रूप माना जाता है. इनकी पूजा भक्तिभाव से की जाती है.

बैल पोला के दूसरे दिन इन मारबतों का जुलूस निकाला जाता है. कल 24 अगस्त को इस उत्सव का आयोजन मालवीय स्कूल के समीप किया गया है। मारबत समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वासों और अवांछनीय प्रथाओं का प्रतीक है, जिसका मुख्य उद्देश्य इन्हें जलाकर समाज में अच्छे विचारों का स्वागत करना है. काली मारबत को कृष्ण का वध करने आई पूतना का प्रतीक माना जाता है. इस दौरान लोग ईडा-पिडा रोग-राई ढेकुल-मोगसा, सर्दी-खासी घेऊन जा गे मारबत जैसे उद्घोष के साथ जुलूस निकालते है।

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